प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सरकार बनते ही शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व सौंपा दिया है. इस शुभ अवसर पर उन्होंने 15 जून, 2024 को कृषि सखी योजना की शुरुआत की. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकें. आज के समय में महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे है इसलिए अब उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों और बेहतर खेती के तरीकों के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी.
कृषि सखी योजना क्या है ?
भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार करने एवं किसानों को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए कृषि सखी योजना की शुरुआत की है. ये एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को तकनीकी ज्ञान और समर्थन प्रदान करना है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ को कृषि से जुड़े विभिन्न कार्यों जैसे -मृदा परीक्षण, बीज प्रसंस्करण, जैविक खाद निर्माण, फसल संरक्षण और कटाई आदि के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी.
इस ट्रेनिंग के माध्यम से महिलाएं न केवल किसानों की मदद करेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में अच्छा ज्ञान लेकर उचित आय प्राप्त कर सकती है. ट्रेनिंग के बाद महिलाएं कृषि सखी गांवों में कृषि उद्यमी बन सकती हैं। जिससे वह अन्य किसानों को सलाह देकर या अपना खुद का कृषि उद्यम शुरू करके कमाई कर सकती हैं।
इन राज्यों में शुरू की जाएगी कृषि सखी योजना
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से देश की तीन करोड़ महिलाओ को लखपति बनाना है, जिनमें से एक करोड़ महिलाएं इस लक्ष्य को हासिल कर चुकी है, बाकी की दो करोड़ महिलाएं को कृषि सखी योजना के माध्यम से सशक्त और स्वतंत्र बनाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि कृषि सखी कार्यक्रम को चरण-1 में 12 राज्यों में शुरू किया गया है:
- गुजरात
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- राजस्थान
- ओडिशा
- झारखंड
- आंध्र प्रदेश
- मेघालय
इस योजना को देश के 12 राज्यों में लागू किया जाएगा, जिसके पहले चरण में लगभग 90,000 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत चयनित महिलाओं को कृषि पैरा-विस्तार कार्यकर्ता (एपीईडब्ल्यू) के रूप में ट्रेनिंग दी जाती है. आपको बता दें कि ये ट्रेनिंग कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि विभागों द्वारा दी जाएगी.
कैसे काम करेगी ये योजना ?
कृषि सखी कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 34,000 से अधिक पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाणित किया गया हैं। इन कृषि पैरा-विस्तार कार्यकर्ताओं को गांव की ही वजह से चुना गया है, क्योंकि उन्हें खेती की अच्छी समझ है, इसलिए उन्हें अलग -अलग कृषि मैथड्स और व्यापक ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे किसानों की मदद कर सकें. एक साल पहले, कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 70,000 कृषि सखियों को ट्रेनिंग देना था.
‘लाडली’ बहनों के हित में काम कर रहे है “शिवराज सिंह चौहान”
शिवराज सिंह चौहान इस बार फिर से मुख्यमंत्री बन चुके है, वह अपने राजनीतिक सफर में चौथी बार मध्यप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके है. उन्होंने हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके विकास के लिए काम किया है। प्रदेश में रहते हुए शिवराज सिंह ने ‘लखपति दीदी और ‘लाडली बहना योजना’ (Ladli Behna Yojana) की शुरुआत की जो आज पूरे देश में प्रसिद्ध है। अब वह केंद्र में बैठकर पूरी देश की महिलाओं का विकास और कल्याण करने के लिए कृषि सखी योजना की शुरुआत की घोषणा की है।